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परीक्षा का भय दूर करने के लिए कुछ आसान तरीके


परीक्षा से जुड़ा होना एक सामान्य अनुभव है, लेकिन जब यह भय में परिणामित हो जाता है, तो यह छात्रों के लिए कठिनाईयों का कारण बन सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि परीक्षा के भय को कैसे दूर किया जा सकता है और छात्रों को इससे कैसे निला जा सकता है।


भाग 1: स्वास्थ्य सुनिश्चित करें


पर्याप्त नींद 😴:

एक अच्छी नींद हमारे मस्तिष्क को बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार करता है। परीक्षा की तैयारी और परीक्षा से पहले पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है। यह मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करेगा और आपके अंदर भय को कम करेगा।


योग और ध्यान 🧘‍♂️:

एक बेहतर और संतुलित मन के लिए प्रत्येक सुबह, योग और ध्यान का अभ्यास करना तनाव को कम कर सकता है और मानसिक स्थिति को सुधार सकता है। साथ ही परीक्षा की तैयारी हो या मुख्य परीक्षा, शुरू करने से पहले अपनी आंखे बंद करके कम से कम 10 बार लंबी और गहरी साँसों अपने अंदर लें और बाहर छोडें।


भाग 2: सही अध्ययन तकनीकें अपनाएं


प्रतिदिन किए जाने वाले क्रियाकलापों की संतुलित समय सारणी बनाएं ⏰

तैयारी का मतलब यह नहीं होता कि आप पूरे साल भर की पढ़ाई परीक्षा से एक दिन पहले ही पूरा करें। बल्कि परीक्षा के लिए एक सही समय सारणी बनाना महत्वपूर्ण है। इससे आप अपने सभी विषयों को समय से पढ़ सकते हैं और अपनी तैयारी को बेहतर कर सकते है। आपका यह समय सारणी आपको सभी विषयों में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा और आपके अंदर के डर को खत्म करेगा। एक बेहतर और संतुलित समय सारणी आपको और आपके बच्चों को आत्मनिर्भर और निडर बनाएगा।


नियमित संवाद 🗣️

आज के जीवन में परीक्षा मतलब महीना दो महीना एक टेंशन से भरी दिनचर्या है, चाहे वो बच्चे हो या उनके अभिभावक। लेकिन अगर हम शांत मन से विचार करें तो यह सब मन का खेल है जिसे हम चाहें तो विपरित दिशा में मोड़ सकते हैं। बशर्ते हमें एक अभिभावक के तौर पर अपना और बच्चे का नजरिया बदलने की जरूरत है और इसके लिए हमें स्वयं उनकी मदद करने के लिए आगे आना होगा। अगर किसी भी विषय में समझ नहीं आ रही है, तो शिक्षक से नियमित संपर्क करना एक अच्छा उपाय है।


भाग 3: सकारात्मक मानसिकता बनाएं

मूल्यांकन की स्वतंत्रता 🌈 :

जीवन अपने आप में ही सबसे बड़ी परिक्षा है जिसे हमें प्रतिदिन पास करनी होती है, जिसके लिए जीतना या सदैव जीतते रहने की रहना आवश्यक नहीं है। लेकिन आगे बढ़ने के लिए एक सकारात्मक मानसिकता का होना अति आवश्यक अवश्य है, जो कि जीत या हार पर निर्भर नहीं करता बल्कि सदैव आगे बढ़ने के लिए आवश्यक होता है। इसलिए एक अभिभावक के तौर पर आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपने बच्चों को सकारात्मक बने रहने में उनकी मदद करें बजाय इसके कि उनकी जीत या हार के लिए तैयार करने के। ताकि वो अपने जीत या हार का मूल्यांकन करने में स्वयं को स्वतंत्र महसूस करें, तभी वो अपने मौजूदा परिणाम से आगे के सफर की शुरुआत करने के लिए खुद को तैयार कर पाएंगे।

स्वाध्याय 📘

जब एक अभिभावक होने के नाते आप अपने बच्चों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को विकसित करने के लिए उनमें सकारात्मक मानसिकता का बीज बोते हैं तो एकतरह से उन्हें आत्म-मूल्यांकन के लिए प्रेरित करते हैं। जिससे आपका बच्चा समय-समय पर अपनी प्रोग्रेस की जाँच करके और सकारात्मक अथवा नकारात्मक बदलावों को स्वीकार करने और उनमें आवश्यक सुधार करने में स्वयं को स्वतंत्र और सक्षम महसूस करता है।


निष्कर्ष:

परीक्षा के भय को दूर करने के लिए सही स्वास्थ्य, अच्छी अध्ययन तकनीकें, और सकारात्मक मानसिकता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। छात्रों को ये साधने से उनकी परीक्षाएं न केवल सरल होंगी, बल्कि उन्हें आत्म-विकास को बढ़ाने में भी उनका मददगार साबित होगा। 🌟📚


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