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आखिर अब School's प्रत्येक बच्चे को Abacus सीखने पर जोर दे रहा है...

शिक्षाविदों का कहना है कि अबेकस बच्चों में सटीकता, एकाग्रता, गति और फोटोग्राफिक मेमोरी में सुधार करता है।


अबैकस बहुत सारे बच्चों के लिए गणित सीखने का एक नया रचनात्मक तरीका है। शिक्षाविद् (Teachers) बच्चों को बड़े पैमाने पर अबैकस सीखने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं क्योंकि यह मस्तिष्क को सक्रिय रखता है और उन्हें गणना और प्रतिक्रिया में अच्छी गति विकसित करने में मदद करता है।


मेट्रोलाइफ मैग्जीन ने चेन्नई शहर के कुछ अबैकस प्रशिक्षकों से उनकी शिक्षण पद्धति के बारे में बात की और अबैकस कैसे गणना कौशल को तेज करने में मदद करता है, इसके बारे में जानकारी प्राप्त की?


सीखने में रुचि जगाता है

अबेकस का उपयोग करके बच्चे कैसे गणना करते हैं, इस पर शिक्षाविद् सत्य सुनील कहते हैं, “बच्चे रंगीन मोतियों से बने एबेकस नामक एक उपकरण का उपयोग करते हैं जिसमें मनके (Beads) होते हैं।

ये मनके (Beads) उनके दिमाग में एक छवि (image) बनाते हैं और उन्हें गणितीय समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं।”


वह कहते हैं कि गणितीय सूत्र सीखने का यह तरीका सरल है और स्कूल में पढ़ाए जाने वाले तरीकों से बिल्कुल अलग है। वह कहते हैं कि जिन बच्चों ने अबेकस का उपयोग करके घटाना, गुणा करना, भाग करना और अन्य गणितीय कार्य करना सीखा है, वे अन्य बच्चों से काफी ज्यादा कुशल, तेज और सटीक तरीके से सवालों को हल करने में सक्षम होते हैं। अबैकस उन्हें अतिरिक्त मेहनत करने से बचाता है और मानसिक गणित के लिए प्रोत्साहित करता है।

उन्हें लगता है कि बच्चों के लिए अबेकस शुरू करने की सबसे अच्छी उम्र 5 से 12 साल के बीच है।


वह कहते हैं- "9 और 12 के बीच के बच्चों को पहले से ही कठिन संख्यात्मक गणनाओं से अवगत कराया गया होगा और 9 साल से कम उम्र के बच्चों को मूल बातें सिखाई जाएंगी।"

जैसे-जैसे बच्चा आगे बढ़ता है, उनके समस्याओं की जटिलता धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। बच्चों को अबैकस में 10 स्तरों तक प्रशिक्षण कराया जाता है, जिसमें छह बुनियादी (Basic) और चार उन्नत (Advance) स्तर शामिल हैं।


बसवानागुडी के एक संस्थान में एक अन्य अबैकस शिक्षिका शोभा हर्षा कहती हैं, "बच्चों को दस-स्तरीय पाठ्यक्रम पूरा करने में ढाई साल लगते हैं।" वह कहती हैं कि उनकी शाखा से 5 से 12 वर्ष के लगभग 250 बच्चे वस्तुतः प्रशिक्षित हो रहे हैं।


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अबेकस में प्रशिक्षण क्यों?

सत्य सुनील कहते हैं- "अबैकस सीखने की वज़ह से स्कूलों में परीक्षा के दौरान बच्चे रफ वर्क के लिए पेन और पेपर के इस्तेमाल से बचेंगे। वे जटिल वर्ग और घनमूल को भी हल करने में सक्षम होंगे”।

वह कहते हैं कि अबेकस एक बच्चे की सटीकता, एकाग्रता, गति और फोटोग्राफिक मेमोरी में सुधार करता है।

सत्य सुनील कहते हैं कि "अबैकस प्रशिक्षण से उनके मस्तिष्क के दोनों हिस्से भी विकसित होते हैं क्योंकि बच्चे गणना के लिए दोनों हाथों का उपयोग करते हैं। बायां हाथ दाएं मस्तिष्क को उत्तेजित करता है जिससे रचनात्मकता में सुधार होता है।"


वहीं शोभा हर्षा कहती हैं कि, " अबैकस और मस्तिष्क जिम अभ्यास(Brain Gym Exercises) बच्चों के मस्तिष्क के दोनों पक्षों के बीच समन्वय में सुधार करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।" वह कहती हैं कि बच्चे अपने समझने, सुनने, लिखने और बहु-कार्य कौशल में सुधार करते हैं।


माता-पिता और छात्र इसे प्यार करते हैं

तीन राष्ट्रीय स्तर की अबेकस प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीत चुके अभिषेक भारद्वाज कहते हैं कि अबेकस में शामिल होने से पहले उन्हें गणित से डर लगता था, लेकिन प्रशिक्षण लेने के बाद चीजें बदल गईं।

“मैं आत्मविश्वासी, सटीक हो गया और स्कूल में गणितीय गणनाओं को हल करने में तेजी लाने लगा। अबैकस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं ने मेरी प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ावा देने में मदद की।”


वेंकटेश मूर्ति, ने अपने बेटे को एबैकस कक्षाओं में नामांकित किया था जब वह छठी कक्षा में था, कहते हैं, "एबैकस प्रशिक्षण ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में गणित में मेरे बेटे के अनुकरणीय प्रदर्शन में योगदान दिया है। उनकी त्वरित समाधान क्षमता ने उन्हें KCET और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छी रैंक हासिल करने में भी मदद की।


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