कैसे दूर करें मैथ्स का डर, ये 6 Tips करेंगी आपकी मदद
- Mar 30, 2022
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हमारे यहां अधिकांश स्टूडेंट्स के लिए गणित या मैथ्स एक तरह से हौव्वे जैसा है। मजाक में कहा भी जाता है कि MATHS का मतलब - ‘मेरी आत्मा तुझे हमेशा सताएगी’। लेकिन इसके विपरीत कई स्टूडेंट्स के लिए यह बहुत ही पसंदीदा सब्जेक्ट होता है। वे अधिकांश समय गणित को देते हैं। इसकी एक वजह टीचर भी है। अगर टीचर ने गणिक के बेसिक कॉन्सेप्ट्स क्लियर कर दिएं तो गणित आसान हो जाता है। अगर टीचर खुद कंफ्यूज रहता है तो गणित हौव्वा बन जाता है।
यहां हम ऐसी 6 टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो करने से गणित का भय खत्म हो जाएगा। स्टूडेंट्स के लिए यह बहुत ही आसान बन जाएगा, बल्कि वे इसमें एक्सपर्ट भी बन जाएंगे:
1. बेसिक कॉन्सेप्ट्स पर ध्यान दें :
मैथ्स के लिए यह पहली अनिवार्य शर्त है- टीचर्स के लिए भी और स्टूडेंट्स के लिए भी। टीचर्स को चाहिए कि वे शुरू से ही अपने स्टूडेंट्स को बेसिक कॉन्सेप्ट्स क्लियर करवा दें। स्टूडे्ंटस को भी गणित की बुनियादी बातों को समझने में ज्यादा ध्यान और समय देना चाहिए। एक बार ये बेसिक कॉन्सेप्ट समझ लिए तो फिर गणित बहुत आसान हो जाएगा।
2. रटें नहीं, बल्कि प्रैक्टिस करें :
मैथ्स ऐसा सब्जेक्ट्स है जिसमें रटने से काम नहीं बनने वाला। यहां करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान वाली बात लागू होती है। यानी गणित को साधना है तो खूब प्रैक्टिस करनी होगी। पेन और पेपर लेकर खूब सवाल छुड़ाने होंगे। इससे गणित को समझने में मदद मिलने के साथ-साथ सवाल हल करने की स्पीड भी बढ़ेगी।
3. चैप्टर को बीच में छोड़ें नहीं :
अगर कोई चैप्टर समझ में नहीं आ रहा है तो उसे छोड़कर आगे बढ़ने के बजाय उसी पर फोकस करें। मान लीजिए आप ट्रिग्नोमेट्री पढ़ रहे हैं। लेकिन उसके सवाल हल करने में दिक्कत आ रही है तो उसे बीच रास्ते में छोड़े नहीं। अपने पैरेंट्स, टीचर या उस किसी से भी मदद लीजिए जिसका मैथ्स अच्छा है। यह नहीं सोचें कि इसे छोड़कर दूसरे चैप्टर को पढ़ना बेहतर रहेगा, क्योंकि इससे तो गणित का हौव्वा ही बढ़ेगा।
4. पहाड़े और फॉर्मूले जरूर याद करें :
गणित रटने वाला सब्जेक्ट नहीं है, लेकिन यह बात पहाडों पर लागू नहीं होती। पहाड़े तो आपको अच्छे से रटे होने चाहिए। कम से कम 20 तक के पहाड़े आपकी उंगलियों पर होने चाहिए। इससे आपको गणित के सवालों को तेजी से स्वॉल्व करने में मदद मिलेगी। इसी तरह फॉर्मूले भी याद होने चाहिए। हालांकि फॉर्मूलों के साथ प्रैक्टिस भी जरूरी है।
5. डेली रुटीन में गणित को करें शामिल :
डेली रुटीन में गणित को शामिल कर लीजिए। फिर देखिए गणित का डर कैसे गायब हो जाता है। उदाहरण के लिए अगर आपके घर पर बर्थ डे की पार्टी है और इसमें आप 10 दोस्तों को इनवाइट करना चाहते हैं तो आपको कितनी चिप्स लगेगी, इसका अंदाजा गणित का यूज करके लगा सकते हैं। क्रिकेट में किसी भी खिलाड़ी का एवरेज रन रेट निकल सकते हैl इससे गणित की प्रैक्टिस होगी और इसका डर भी दूर होगा।
6. After School Activities में शामिल करें :
उपरोक्त सभी सुझाव बहुत बढ़िया है लेकिन मैं यह सब करूं कैसे? अगर यह सवाल आपके दिमाग में भी घूम रहा है तो टेंशन को पेंशन दीजिए, क्योंकि अब इस दुनिया में ऐसे बहुत से माध्यम उपलब्ध है जिनसे आप अपने बच्चे को तरह-तरह के क्रियाकलापों में शामिल कर सकते हैं। वैसे आज आपके पास समय कम हो सकता है, लेकिन विकल्प बहुत सारे हैं अपने बच्चे को देने के लिए।
उनमें से कुछ खास Activity Based प्रोग्राम्स हैं जिन्हें आपको ज़रूर समझना चाहिए, जो मौजूदा समय में आपके बच्चे में महत्वपूर्ण आंतरिक व मानसिक विकास में अहम भूमिका अदा कर सकता है। लेकिन उसके लिए भी समय पर निर्णय लेना अनिवार्य होता है। आप अपने बच्चे को उनकी उम्र के अनुरूप स्टेप अनुसार नीचे दिए After School Activity प्रोग्राम्स का हिस्सा बना सकते हैं।
1. Phonics (Age Group 4-8 Years)
2. Abacus (Age Group 4-14 Years)
3. Vedic Maths (Age Group 12 Years+)
4. Mind & Memory Program (10 Years +)

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